Thursday, April 4, 2013

लाल महवीर प्रसाद बवानीवाला जी का जीवन परिचय 

लाला जी का जन्म जिला भिवानी के ग्राम बवानीखेड़ा में दिनांक 20  मार्च 1928 को लाला बसन्तलालाजी व श्रीमती जडिया देवी के घर हुआ | उनके पिता गाँव सबसे बड़े जमींदार थे | उन्होंने FA तक शिक्षा प्राप्त की |
हिंदी, अंग्रेजी व उर्दू का उन्हें विषद ज्ञान था | उन्हें कुश्ती, घुड़सवारी,निशानेबाजी व उर्दू शेरों -शायरी का भी शोक था | वे कई बार अपने गाँव के पंच व नगरपालिका प्रधान चुने गये |
1957 में आप भिवानी आकर बस गये | जमींदारी के साथ-साथ आप प्रथम श्रेणी के ठेकेदार के रूप में कार्यरत रहे | आपने जिला भिवानी व हिसार में  I.T.I,वाटर्स वर्क्स, सडको व अनेक सरकारी भवनों का निर्माण कराया|
भिवानी की धार्मिक, सामाजिक व राजनितिक गतिविधियों में आपका सदैव महत्वपूर्ण योगदान रहा |
आप एक सत्यनिष्ठ, स्पष्ट,निडर व बेबाक व्यक्ति के धनी थे |  आपकी न्यायप्रियता प्रसिद्ध थी | सुदूर गाँव से परिचित व अपरिचित व्यक्ति भी अपनी सामाजिक, आर्थिक व घरेलू समस्याओं का निदान व निराकरण कराने आपके पास आते थे | आपका कहना था की अन्याय के सामने झुकना परमात्मा पर अविश्वाश करने के समान है |
आपने भिवानी- बवानीखेड़ा, ढाणा  नरसान में मंदिर, पाठशाला, धर्मशाला, परस, जोहड़ अस्पताल आदि का निर्माण करवाया  | अपने निधन 16 जून 2012 से एक वर्ष पूर्व ही गाँव में दादी गोंरी के भव्य मंदिर का  निर्माण कराया | 
आप एक कर्मयोगी थे, आपके लिये समष्टि ही आराध्य थी | आप की जबान से अक्सर यह शेर निकलता करता था  कि -
बुलन्दी से गुजरे या पस्ती से गुजरे |
हम जहाँ से भी गुजरे मगर मस्ती से गुजरे

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