लाला मेहरचंद अग्रवाल जी का जीवन परिचय
सेठ श्री लाला मेहरचंद अग्रवाल का जन्म सन् 1919 में अपने पूर्वज गाँव नलवा में हुआ | आपके पिता श्री नानकचंद जी था माता श्रीमती लक्ष्मी देवी थीं | आप बचपन से ही प्रखर बुद्धि वाले मेधावी बालक रहें | छोटी उम्र में ही व्यापारिक दक्षता व सूझ-बूझ आपके व्यक्तित्व का हिस्सा बन गई थी | आप अहिंसा के साथ-साथ सामाजिक न्याय के लिए सदेव प्रयासरत रहे | इन्हीं स्वाभाविक गुणों कों देखकर लोग आपको प्यार से ' बापू ' कहते थे | आपने सदेव मानव-सेवा को ही सच्चा तीर्थ माना | आपका विवाह श्रीमती सुनहरी देवी के साथ सम्पन हुआ |
' हरि को भजे सो हरि का होय , जात-पात पूछे ना कोय ' - कबीरदास जी की इस उक्ति और सेठ मेहरचंदजी के भेदभाव रहित व्यवहार से प्रेरित होकर उनके पुत्र ने गाँव नलवा में संतकवि कबीरदास जी का मंदिर निर्माण करवाया |
आपके जैसे आदर्शवाद , निष्ठांवान एवं दयावान पिता को याद करके आपके पुत्र दयानंद अग्रवाल ,राजेन्द्र अग्रवाल एवं पुत्रियाँ सौबाई ,कृष्णा,इमरती व सरोज अपने - आपको धन्य समझते हैं |
एक सयंत जीवन का उदारहण प्रस्तुत करके सबके दिलों में अमिट छाप छोड़कर 13 मार्च सन् 1989 को 70 वर्ष की अवस्था में आपने हैदराबाद में इस संसार से विदाई ली |
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